लघुकथा

चिन्ता

क्या मैंने जैसे अपने बच्चो को पाला है. क्या वो भी मुझे पालेंगे जब मैं बूढी हो जाऊँगी। पकडेगे वो मेरा भी हाथ जैसे मैंने बचपन मे अँगुली पकडकर चलना सिखलाया है। वो माँ चिन्ता में ये सोच ही रही थी कि पीछे से आवाज आई- रामू की माँ क्यों चिन्ता करती हो सबकुछ अच्छा होगा ऊपर वाले पर भरोसा रखो।

— अभिषेक जैन

 

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश