धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विजयदशमी

विजयदशमी जिसे हम विजय दिवस के रूप में मनाते हैं इस दिन श्री रामचंद्र जी ने रावण पर विजय प्राप्त की थी उसी तथ्य को याद कर हम हर वर्ष विजयदशमी का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं पर वास्तव में विजयदशमी का त्यौहार हर साल मनाना कहां तक सार्थक है क्योंकि श्री रामचंद्र जी ने रावण पर विजय प्राप्त की और अपनी पत्नी माता जानकी को रावण के बंधन से मुक्त करवाया पर हमने आज तक क्या किया हमने सिर्फ श्री राम जी की विजय को ही विजयदशमी के रूप बनाया मगर उनके द्वारा दी गई इतनी बड़ी शिक्षा को आज भी अनदेखा करते हैं अगर हम आज उनकी दी गई शिक्षा को अपनाते तो आज हमारे समाज में लाखों रावण कभी पैदा नहीं होते मगर हम हमेशा गलत होते देख कर अनदेखा ही करते हैं इसीलिए आज हमारे समाज की स्थिति बिगड़ी हुई है। हम रावण की कितनी भी बुराई करें मगर आज के रावण पहले के रावण जैसे महान नहीं वह रावण वेद उपनिषदों का महान ज्ञाता एक महान पंडित जिसने सीता हरण तो किया मगर सीता माता को छुआ तक नहीं। मगर आज के इंसान रावण से भी बड़े रावण है जो हमारे बीच घूम रहे हैं कोई राम बनकर कोई कृष्ण बनकर।रावण के पुतले को जला कर हमें कुछ भी हासिल नहीं होगा वास्तव में हमें जलाना है तो अपने अंदर की बुराइयों को जलाना है और समाज को एक नए रूप में पेश करना है। महिलाओं से संबंधित कितनी भी कानून बनाए गए मगर कहां तक अमल में आये?आंकड़ों के अनुसार हमारे देश में हर घंटे में चार बलात्कार होते हैं। 2015 में हमारे देश में 34,651 रेप हुए आंकड़ों को देखकर हम अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे देश में कितने रावण अभी जिंदा है जो हर रोज किसी ना किसी बच्ची या औरत का बलात्कार कर रहे हैं।
अगर हम इंसाफ की बात करें तो सिर्फ बलात्कार के 29% आरोपियों को ही सजा मिली है बाकी आरोपी हमारे बीच समाज में इतना घटिया दुष्कर्म करने के बावजूद भी समाज में सरेआम घूम रहे हैं।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बलात्कार के मामले 2015 की तुलना में 2016 में 12.4 फीसदी बढ़े हैं। देश में बढ़ रहे अपराधों के लिए सिर्फ अपराधी ही दोषी नहीं है दोषी हम भी हैं क्योंकि हमारी चेतना शक्ति सोई हुई है जब तक हमारी चेतना सोई रहेगी अपराधी अपराध करते ही रहेंगे। आज हमें स्वयं राम बनकर इन बढ़ रहे रावणों का नाश करना होगा और अपनी बहू बेटियों की सुरक्षा करनी होगी क्योंकि अपराध कम होने के स्थान पर हर वर्ष बढ़ते ही जा रहे है।2016 में 38,947 बलात्कार के मामले देश में दर्ज हुए. मध्य प्रदेश इनमें अव्वल है, क्योंकि बलात्कार के सबसे ज्यादा – 4,882 मामले मध्य प्रदेश में दर्ज हुए. इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है, जहां 4,816 बलात्कार के मामले दर्ज हुए. बलात्कार के 4,189 दर्ज मामलों के साथ महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर रहा हैं।
बलात्कार के मामले सिर्फ नौजवान लड़कियों के नहीं बच्चियों के भी शामिल है आज के करूर रावण छोटी-छोटी बच्चों को भी नहीं बख्श रहे हैं।2018 में हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर में जो बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुए उससे सारा देश त्राहि-त्राहि कर उठा। राष्ट्रपति माक्रों ने कहा, “हमारा समाज कामुकता से बीमार है,”।यह कामुकता आज इतनी बढ़ चुकी है की छोटी-छोटी बच्चियां चाइल्ड हैरेसमेंट तथा रेप का शिकार बन रही है और नौजवान पीढ़ी गैंगरेप को जन्म दे रही है।
वास्तव में किसी भी इंसान को राम या रावण बनाना उसके परिवार पर निर्भर करता है अगर माता-पिता अपने बच्चों को सही रास्ता दिखाएं और भारतीय संस्कारों को उजागर कर उसका ज्ञान करवाएं तो वह श्री राम जी के मार्ग पर चल सकते हैं नहीं तो वह पॉर्न मूवी देख-देख कर अपनी कामुकता को बढ़ा कर आधुनिक रावण के रूप में ही सामने आएंगे।
“जलता हुआ रावण चींख उठा मुझे जलाने से कुछ नहीं होगा जलाना है तो उस रावण को जलाओ जो बेबाक करूर तुम्हारे अंदर नित पनप रहा है”
अंत में मैं सिर्फ यही कहूंगा कि वास्तव में हमें विजयदशमी को सार्थक करना है तो हमें हमारे समाज में पनप रहें रावणों का अंत करना होगा नहीं तो एक दिन ऐसी स्थिति आ जाएगी कि हमारी बहू बेटियों का घर से बाहर निकलना दुष्कर हो जाएगा या फिर लोग पहले की तरह बेटियों को जन्म देने से भी कतराने लग पड़ेंगे।
— राजीव डोगरा ‘विमल’

*डॉ. राजीव डोगरा

भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा कांगड़ा हिमाचल प्रदेश Email- [email protected] M- 9876777233