मनरंजन से आगे….
खेल’ एक मनोरंजन है !
क्रिकेट के माध्यम से
मनोरंजन करने पर
‘भारतरत्न’,
पर पहाड़ काटकर
रास्ता दिखाने के लिए
‘माँझी’ को कबतक यह ?
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जब से
मिली हो,
मेरी….
बदल गयी !
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मैं बहनदूज मनाता हूँ,
क्योंकि मेरी बहना
हर वक्त
मेरी रक्षा करती हैं।
वे ‘सबला’ हैं,
अबला नहीं !
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शिक्षकों से ‘मतदाता’
बनवाओगे,
मतदान कार्य लोगे,
बच्चों के भविष्य भी
सुधरवाओगे,
पर उसे नेतवा से
गाली दिलवाओगे,
एफआईआर करोगे!