गजल
अभी से हार जाना चाहते हो
और उस पार जाना चाहते हो
रूलाकर किसी को ये कैसी हसरत पाल बैठे
किसी को सताकर मुस्कुराना चाहते हो
पहेले बदल लो ये लहेजा बात कहने का
कड़वे बोलकर किससे यारी निभाना चाहते हो
बाटना सीख लो जो कुछ पाना है यहां तुमको
बिना कुछ गंवाए बहुत कुछ पाना चाहते हो
— अभिषेक जैन