सच कहना गुनाह है
हम न सच के करीब हैं,
न सच कहना चाहते हैं,
सच सुनना तो पसंद नहीं करते !
यही आग्रही मुहाता है,
हर कुछ नहीं सुहाता है !
पसंद-नापसंद के बीच
सुख-संबंध के विन्यास पर
तारीखी ख्यालात लिए है,
यह अनहोनी मुलाकात है,
नहीं कोई मारकाट है !
यह जोखिम लिए उद्भेदन
किसी प्रक्षालन से विलग
साहसी तो नहीं है,
साहस के प्रसंगश:
दुस्साहस कोई नहीं है !
जो हो,
पर तय हो !
सामासिक रूप में,
प्रकाशित रूप में ।