कविता

गूढ़ रहस्य

“अलाव या घूर के लिए”
लकड़ियों की सरकारी व्यवस्था
अबतक गली-गली में नहीं !
5℃ के करीब शीत कहर !

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यह शीत लहर नहीं, शीत ‘कहर’ है !
शीतलतम प्रभात, चंद्रतम दिवस !

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अंतरिक्ष विज्ञानी ‘स्टीफ़ेन हॉकिंग’ ने कहा था-
अंतरिक्ष के ‘गूढ़ रहस्यों’ को समझना आसान है,
किन्तु ‘औरतों’ को समझना आसान नहीं !

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हर तरह की महिलाओं ने मेरा शोषण ही किया है,
बावजूद वे ‘देवी’ हैं,
‘प्रेम देवी’ हैं,
उनसे इकतरफ़ा प्रेम है !

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बचपन से मैंने प्यार को खोया ही है,
किन्तु एक भी ‘पाई’ नहीं !
चाहे कुँवारियों की तरफ़ से हो या विवाहितों से !

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कई सहकर्मियों से मतभेद ‘मनभेद’ तक पहुंच गए;
कई से विचार नहीं मिले, कई संकीर्णता में रहे!
वे भी अलग हो गए, मैं भी !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.