गूढ़ रहस्य
“अलाव या घूर के लिए”
लकड़ियों की सरकारी व्यवस्था
अबतक गली-गली में नहीं !
5℃ के करीब शीत कहर !
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यह शीत लहर नहीं, शीत ‘कहर’ है !
शीतलतम प्रभात, चंद्रतम दिवस !
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अंतरिक्ष विज्ञानी ‘स्टीफ़ेन हॉकिंग’ ने कहा था-
अंतरिक्ष के ‘गूढ़ रहस्यों’ को समझना आसान है,
किन्तु ‘औरतों’ को समझना आसान नहीं !
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हर तरह की महिलाओं ने मेरा शोषण ही किया है,
बावजूद वे ‘देवी’ हैं,
‘प्रेम देवी’ हैं,
उनसे इकतरफ़ा प्रेम है !
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बचपन से मैंने प्यार को खोया ही है,
किन्तु एक भी ‘पाई’ नहीं !
चाहे कुँवारियों की तरफ़ से हो या विवाहितों से !
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कई सहकर्मियों से मतभेद ‘मनभेद’ तक पहुंच गए;
कई से विचार नहीं मिले, कई संकीर्णता में रहे!
वे भी अलग हो गए, मैं भी !