कर्पूरी ठाकुर
कवितारूपेण
श्रद्धांजलि से उत्तम
और कोई
नमनीय शब्द
या शब्दकोश
नहीं हो सकते !
पढ़िए, वो कविता,
जो ‘मंडल विचार’
पत्रिका में
16 वर्ष पहले छपी थी
और कालांतर में
कवयित्री की
कविता पुस्तक
‘ये उदास चेहरे’ में
यह संकलित भी हुई,
जिससे होते हुए
‘बिहार राष्ट्रभाषा परिषद’ ने
सम्मानित भी
किया था….
कि जननायक
कर्पूरी ठाकुर सर
बिहार के
दो-दो बार
मुख्यमंत्री भी रहे थे…..