दीवाली का पर्व
हो उत्साहित
खूब धूमधाम से
इक बार,,,
फिर से सभी ने
है दीपावली का पर्व मनाया!
जला के दीए और
रौशनी की लड़ियां
है…
धरती से तम को भगाया !!
पर,,,,
ज्वलंत प्रश्न है
समक्ष हमारे,
मन के भीतर क्यों?
फैला है अंधेरा !
हममें से…
है कितनों जनों ने
भीतर के तम को भगाया?
चेतना कक्ष में
रख ज्ञान का दीपक
है जिन्होंने
अज्ञान को दूर भगाया
सही मायनों में,,,
उन्हीं गुणीजनों ने
है दीपावली का पर्व मनाया!!
अंजु गुप्ता