इतिहास

मृदुला सिन्हा – एक महान इंसान

राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्वअध्यक्ष,सुप्रसिध्द साहित्यकार व गोवा की वर्तमान राज्यपाल मृदुला सिन्हा जी जितनी सशक्त लेखिका हैं,जितनी मानवाधिकारवादी हैं,उतनी ही श्रेष्ठ वे संस्कृति प्रेमी भी हैं ! सरल,विनम्र,व्यवहारकुशल,मिलनसार,निरभिमानी मृदुला जी वास्तविक अंशों में राष्ट्रवादी हैं ! वे अत्यंत सहज हैं व सामाजिक सरोकारों व मानवीय मूल्यों से अनुप्राणित हैं !द्श,समाज,संस्कार व राष्ट्र उनकी आत्मा में बसते हैं !
     मृदुला जी को पढ़ता तो बहुत रहा था,पर पहली बार उनसे मिलने व सानिध्य का अवसर कोटा (राजस्थान) में अखिल भारतीय साहित्यकार परिषद के 2008 के प्रांतीय अधिवेशन में हुआ था,जिसमें वे परिषद के  प्रांतीय अध्यक्ष मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ जी के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि की हैसियत से पधारी थीं,और मुझे अपनी श्रेष्ठ निबंध कृति” विवेचना के स्वर ” के लिए पुरस्कार मिलना था,तथा मुझे “नारी मुक्ति विमर्श” पर अपना व्याख्यान भी देना था !
मैं यह सुअवसर पाकर गौरवान्वित हुआ था !
मृदुला जी का सभी प्रतिभागियों/कवियों/ लेखकों से अत्यंत उत्साह से मिलना सभी को उल्लासित कर गया था !
      उस दो दिवसीय समारोह में मृदुला जी का अत्यंत नपा- तुला,सारगर्भित व सकारात्मक व्याख्यान सभी के व्दारा व्यापक रूप में सराहा गया था ! उन्होंने स्त्री पुरुष दोनों के सामंजस्य
व समन्वय की बात कहकर सभी को प्रभावित किया था यह यथार्थ है कि सजग साहित्यकार सदैव जोड़ने वाली बात करता है !
       फिर उसके उपरांत 2010 में भोपाल में ” मध्यप्रदेश लेखिका संघ ” के वार्षिक समारोह में हुआ था,इसमें भी मेरी उसी कृति को फिर पुरस्कृत किया गया था ! इस बार म.प्र.लेखिका संघ की प्रांतीय अध्यक्ष उषा जायसवाल के आमंत्रण पर मृदुला जी फिर तशरीफ लाई थीं ! उनके साथ मंच पर सुपरिचित कथाकार मालती जोशी व भोज विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र की अध्यक्ष डॉ.आशा शुक्ला भी उपस्थित थीं !
          इस समारोह में भी मृदुला जी का “साहित्य की वर्तमान दशा- दिशा” पर दिया गया शोधपरक व्याख्यान इतना अधिक उत्कृष्ट व विशिष्ट था कि जिसने सभी को मंत्रमुग्ध सा कर दिया था !
        आदरणीया मृदुला सिन्हा की विशेषता यही है कि वे मौलिकता से परिपूर्ण हैं ! वे अध्येता हैं इसलिए ज्ञाता भी हैं ! पर वे बहुत ही सुलझी हुई इंसान हैं ! सहजता में आमंत्रण स्वीकार कर लेती हैं ,तथा सरल पर सारगर्भित तरीके से मीठी वाणी में दृढ़तापूर्वक तथ्यों का विवेचनात्मक प्रस्तुतिकरण कुछ न कुछ नया उद्घाटित करती हैं !
       जीवन के स्वर्णिम 75 वर्ष पूर्ण होने पर माननीया मृदला सिन्हा जी का अभिनंदन करते हुए उनके प्रति मंगलकामनाएं अर्पित करता हूं !
 — प्रो.शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]