विजय दिवस वाया कारगिल
26 जुलाई 1999 को न केवल ‘करगिल’, अपितु भारतीय वीर-बाँकुरों ने देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के उत्तुंग शिखर पर जाकर नापाक ‘पाकिस्तान’ का मर्दन किए थे । हमारे सैनिक हिमालय की तरह अडिग और बर्फ होकर भी इस्पाती चट्टान हैं । ‘करगिल दिवस’ पर हमें खुद पर गर्व महसूस हो रहा है । इस अघोषित युद्ध-विजय के बहाने ‘भारतरत्न अटलजी’ के साहस और सूझबूझ की याद भी सायास हो आती है । काश! ‘सियाचिन’ को भी हम ऐसे ही ले लेते ! कभी विक्रमादित्य की सत्ता ‘चीन’ तक भी थी, अशोक की सत्ता ‘ईरान’ तक थी। आज अखण्ड भारत की सत्ता तीन खंडों में है । यह तीनों मिल फिर से अखंड भारत कहलाते, तो आनंद में अप्रतिम इज़ाफ़ा होता ! इस विजयगाथा के सभी शूरवीरों को हृदयश: नमन !
26 जुलाई को ‘सर्वोदय समाज, कटिहार’ के संस्थापक व अध्यक्ष श्री अशोक कुमार की जीवनसंगिनी मैडम आशा देवी की पुण्य स्मृति है और इस पुण्य स्मृति के प्रसंगश: ‘कटिहार गौरव सम्मान’ समारोह आरम्भ हुई थी, इसबार (26 जुलाई 2020) कोरोना कहर और लॉकडाउन के कारण सम्मान समारोह स्थगित है ! मैं और मेरी कवयित्री बहन भी इस सम्मान से सम्मानित हुए हैं ?