कविता

बेपूँछ कुत्ते

किसी की सफलता

इस बात का सबूत है

कि बाकी सभी भी

सफल हो सकते हैं,

किन्तु निरंतर सार्थक प्रयास हो !

अब्राहम लिंकन ने कहा।

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खुशी पहले से

तैयार नहीं मिलती !

ये हमें अपने कार्यों से ही

बनानी पड़ती है !

दलाई लामा ने कहा।

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महामारी जारी है….

हम घर से उतना ही बाहर निकलें,

जितना कि नेता

‘इलेक्शन’ जीतने के बाद

घर से बाहर निकलते हैं !

××××

बिहार में

महामारी और बाढ़,

फिर भी इहाँ

‘बाढ़’ के नीतीशे कुमार !

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ऐसे मित्र भी हैं,

जो इस प्रत्याशा में

परीक्षा में शामिल नहीं होते

कि उनकी तैयारी

पूरी नहीं हुई है !

..और शायद

ताउम्र होगी भी नहीं !

××××

कहते हैं,

कुत्ते की पूँछ

सीधी नहीं होती,

पर अफ़सोस है,

मनुष्य में जो कुत्ते होते हैं,

उनकी पूँछ होती ही नहीं

यानी बेपूँछ कुत्ते !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.