गजल
बात का बढ़कर के बहस हो जाना
और सभी लोगों को उसमें खो जाना
आंख के अश्क मेहमान बनकर आते हैं
और आकर के दामन मेरा भिगो जाना
दाग़ किरदार के नहीं होते हैं साफ
अगर तुमसे हो जाए तो फिर धो जाना
जागना जब तुम मेरे साथ रहो
और बिछड़कर तुम सो जाना
— अभिषेक जैन