कविता

मेरी कलम

मेरी कलम कहती है
मैं कुछ यथार्थ
लिखना चाहती हूं
जिसमें देशभक्ति,
अनेकता में एकता
और भाईचारे में लिपटी
दिखना चाहती हूं
…..ऐ कवि बताओ मुझे
कब वो दिन आएगा
या आपस में ही उठती
उंगलियों में यह स्वपन
अधूरा ही रह जाएगा
लिखने को तो लिख दूं
सब प्रेम से रहते यहां
पर नहीं मैं झूठ सी नहीं
लगना चाहती हूं
…. मैं उज्जवल भारत’ यथार्थ
लिखना चाहती हूं।
— स्वामी दास

स्वामी दास

कवि स्वामी दास (क़लम नाम) दीपक राणा एम. बी. ए. (इन्फोर्मेशन सिस्टम) स्वतंत्र कविता लेखन Email swami.kavi@yandex.com drana0127@gmail.com FB: https://www.facebook.com/kavidas.swami.58 Insta: https://www.instagram.com/kaviswami9080/ Twitter: https://twitter.com/kavi_swami