गीतिका/ग़ज़ल

गजल

शब कट गई इंतजार बाकी रहा।

जिंदगी तेरा एतबार बाक़ी रहा।

मिलनो को रोज आते हैं बहुत से

मगर उनमें मेरा यार बाकी रहा।

कुछ तो हो जो तेरे बारे में सोचता हूं मैं।

दिल मे शायद कुछ खुमार बाकी रहा।

रोज नये बहाने बनाकर बुलाता हूं उसे।

क्या अभी भी तेरा प्यार बाकी रहा

ये मौत इसालिए अब तक नहीं आती

जिंदगी का मुझ पर कुछ उधार बाकी रहा

— अभिषेक जैन

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश