कविता

काविता

कुछ पल अपने लिए भी जी लो तुम।

बरसो जिई हो औरों के लिए

उनको खुश करने में

खपा दिया जीवन तुमने

कुछ खुशी की पूंजी

थी जो पास तुम्हारे

उसको भी लगा दिया तुमने

अब बारी है तुम्हारी

कर लो साकार उन्हें

अपने लिए भी जीना है तुम्हें

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश