काविता
कुछ पल अपने लिए भी जी लो तुम।
बरसो जिई हो औरों के लिए
उनको खुश करने में
खपा दिया जीवन तुमने
कुछ खुशी की पूंजी
थी जो पास तुम्हारे
उसको भी लगा दिया तुमने
अब बारी है तुम्हारी
कर लो साकार उन्हें
अपने लिए भी जीना है तुम्हें
कुछ पल अपने लिए भी जी लो तुम।
बरसो जिई हो औरों के लिए
उनको खुश करने में
खपा दिया जीवन तुमने
कुछ खुशी की पूंजी
थी जो पास तुम्हारे
उसको भी लगा दिया तुमने
अब बारी है तुम्हारी
कर लो साकार उन्हें
अपने लिए भी जीना है तुम्हें