बकलोली
बड़े लोग
चुटकी भर ही करे,
तो न्यूज़ !
हम जैसे छोटे लोग
‘बड़ी’ चीज करें भी तो
पत्रकारन उसे
‘बकलोली’ ठहरा देते !
अपने ही देश में
मजदूर
‘अप्रवासी’ कैसे हो गए ?
वहीं ‘प्रवासी’
शुद्ध शब्द नहीं है,
अखबारनवीसों !
मौन भी
एक भाषा होती है,
किंतु
जिनके परिणाम
‘विद्रोह’ होते हैं !
रील लाइफ में ‘विलेन’
रियल लाइफ में ‘हीरो’
जय-जय ‘सोनू सूद’