नरसंहार के 101 बरस
जलियाँवालाबाग नरसंहार के 101 साल और उसी दिन लोकपर्व ‘सतुआनी ! 101 साल हो गए ‘जालियाँवाला बाग’ की मर्मान्तक घटना के । पंजाब में हज़ारों परिवार आज भी ‘वैशाखी पर्व’ नहीं मनाते ! कई हज़ार भारतीयों के हत्यारे डायर और ओ’डायर ने ऐसा कलंकित कदम उठाया थे। ऐसे हज़ारों भारतीय देश की स्वतंत्रता के लिए व अपने मार्गदर्शकों की रिहाई के लिए इस बाग में इकट्ठे हुए थे और सभी गोलियों के शिकार हो गए व ‘शहीद’ हो गए । ऐसे प्राणार्पण करनेवालों को मेरा सलाम ! कोई भी लोकपर्व पारंपरिक संस्कृतिबोध को जागृत करता है, एतदर्थ इस तिथि को ‘वैशाखी’ और सतुआनी लोकपर्व भी है।