इतिहास

नरसंहार के 101 बरस

जलियाँवालाबाग नरसंहार के 101 साल और उसी दिन लोकपर्व ‘सतुआनी ! 101 साल हो गए ‘जालियाँवाला बाग’ की मर्मान्तक घटना के । पंजाब में हज़ारों परिवार आज भी ‘वैशाखी पर्व’ नहीं मनाते ! कई हज़ार भारतीयों के हत्यारे डायर और ओ’डायर ने ऐसा कलंकित कदम उठाया थे। ऐसे हज़ारों भारतीय देश की स्वतंत्रता के लिए व अपने मार्गदर्शकों की रिहाई के लिए इस बाग में इकट्ठे हुए थे और सभी गोलियों के शिकार हो गए व ‘शहीद’ हो गए । ऐसे प्राणार्पण करनेवालों को मेरा सलाम ! कोई भी लोकपर्व पारंपरिक संस्कृतिबोध को जागृत करता है, एतदर्थ इस तिथि को ‘वैशाखी’ और सतुआनी लोकपर्व भी है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.