कविता

नया साल

आँख मारकर मुर्गा बोला
आओ कर लें प्यार
मुर्गी तू आजा होकर
बन सँवर तैयार ।
जब तक जिएंगे
लिपटे रहेंगे
एक दूजे की बाँहों मे
खोये रहेंगे, डूबे रहेंगे ।
इतराकर, नजरें झुकाकर
बोली मुर्गी शर्माकर
देख सफेद क़लगी
क्यूँ जवानी तेरी सुलगी ।
“आप” के जैसा
वादे न कर
उफनूंगी जब मैं
तू बरसेगा “मोदी” पर ।
क्यों तू बना है ‘मीडिया’
करता तिल का ताड़
जब मैं ठोकुंगी ताल
तू रोयेगा ब़ेजार ।
हाय हाय कर बोला मुर्गा
सुन ले मेरी कहानी
न रहेंगे हम
न हमारी जवानी ।
मर जाएंगे
कट जाएंगे
जान जाएगी अपनी
स्वाद दूसरे पाएंगे ।
आने वाला है नया साल
होंगे  हम हलाल ।
इसीलिए
जब तक है दिसंबर
बने हम धरा अंबर
धरा अंबर धरा अंबर ।
— श्याम सुन्दर मोदी

श्याम सुन्दर मोदी

शिक्षा - विज्ञान स्नातक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से प्रबंधक के पद से अवकाश प्राप्त, जन्म तिथि - 03•05•1957, जन्म स्थल - मसनोडीह (कोडरमा जिला, झारखंड) वर्तमान निवास - गृह संख्या 509, शकुंत विहार, सुरेश नगर, हजारीबाग (झारखंड), दूरभाष संपर्क - 7739128243, 9431798905 कई लेख एवं कविताएँ बैंक की आंतरिक पत्रिकाओं एवं अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित। अपने आसपास जो यथार्थ दिखा, उसे ही भाव रुप में लेखनी से उतारने की कोशिश किया। एक उपन्यास 'कलंकिनी' छपने हेतु तैयार