बेखटके क्षणिका
आँधी-बारिश-तूफान,
फिर भी
पंखे झल रहे हैं उसे !
कोरोना कहर में भी आडम्बर !
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वरगद
या
वर गदगद !
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कुछ लोग फ्री के खाते हैं,
पर हगने के रुपये लेते हैं !
राँर, सांड़, सीढ़ी, संन्यासी !
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दूर का ढोल सुहावन
फिजिकल डिस्टेंसिंग !
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नंगी तलवार हो
या
घमण्ड का नंगटापन
दोनों को म्यान में रखना जरूरी !