कविता

/ विरोधी स्वर हूँ मैं /

सुख भोग से मदमस्त
सोता नहीं हूँ मैं,
सोता हूँ
कल – कल की धार हूँ
कूड़ा – कचरा नहीं
जिंदगी का कचर – पचर हूँ
वैज्ञानिक पथ में
कदम हूँ मैं
यात्री हूँ अंतरंग में
रग – रेशों में भरा
वेदना नाद हूँ
सेज का नहीं
खोज हूँ मैं
समता की परिकलपना में
ईट का पत्थर हूँ
नव समाज के निर्माण में
अपने आपको समर्पित हूँ
पीड़ा वेदना की
आवाज हूँ,
अन्याय, अधर्म, अत्याचार का
विरोधी स्वर हूँ मैं।

पी. रवींद्रनाथ

ओहदा : पाठशाला सहायक (हिंदी), शैक्षिक योग्यताएँ : एम .ए .(हिंदी,अंग्रेजी)., एम.फिल (हिंदी), सेट, पी.एच.डी. शोधार्थी एस.वी.यूनिवर्सिटी तिरूपति। कार्यस्थान। : जिला परिषत् उन्नत पाठशाला, वेंकटराजु पल्ले, चिट्वेल मंडल कड़पा जिला ,आँ.प्र.516110 प्रकाशित कृतियाँ : वेदना के शूल कविता संग्रह। विभिन्न पत्रिकाओं में दस से अधिक आलेख । प्रवृत्ति : कविता ,कहानी लिखना, तेलुगु और हिंदी में । डॉ.सर्वेपल्लि राधाकृष्णन राष्ट्रीय उत्तम अध्यापक पुरस्कार प्राप्त एवं नेशनल एक्शलेन्सी अवार्ड। वेदना के शूल कविता संग्रह के लिए सूरजपाल साहित्य सम्मान।