लोकगीतों का अपना महत्व है।
पारम्परिक लोक गीत विशेष पर्वो पर गायन का चलन कम होता जा रहा है।सीधे फिल्मी गाने बजाने का चलन हो गया।पहले बुजुर्ग व जिनको लोक गीत आते है।उनको बुलावा दिया जाकर गीत गवाए जाते थे।जैसे राती जोगा,शादी, धार्मिक पर्वों, आदि पर। शादी में महिला संगीत कार्यक्रमो में फिल्मी नृत्यों ने स्टेज पर जगह ले ली है। पारम्परिक लोकगीत जो गाए जाते और बताशे बाटे जाते थे।वो विलुप्त होते जा रहे है।इस कार्यक्रम में बुजुर्ग महिलाओं को मान सम्मान मिलता औऱ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने औऱ नई पीढ़ी को सिखाने का मौका मिलता था।संक्रमणकाल के दौरान सभी शुभकार्य में ाँ जाने पर सिमित संख्या निर्धारित की गई है जो की उचित है। साथ ही दूरी का पालन भी करना आवश्यक है। संक्रमण काल जब भी समाप्त हो तब लोक गीतों की प्रथा को बनाये रखे ताकि लोकगीतों में शुभ कार्य सम्पन्न हो लोक गीतों में ईश्वर के प्रति प्रार्थना होती है।