भाषा-साहित्य

बिहार से विरार तक

बिहार (मनिहारी) से विरार (मुम्बई) तक का सफ़र ! हिंदी फ़िल्मों में पहचान बनाने के सोद्देश्य हाईस्कूली मित्र श्री प्रभाष कवि; जो दो दशक पहले ही अच्छी और सच्ची कद-काठी लिए मनिहारी से अभिनेता गोविंदा के ‘विरार’ पहुँच गए हैं, फिर उनकी फ़िल्माई संघर्ष-गाथा शुरू ! कई फ़िल्मों के लिए प्रभाष जी ने गीत-लेखन कार्य किए हैं !

मराठी फिल्मों के लिए भी इसके प्रसंगश: कार्य किए हैं! उन्हें गीतकार के रूप में यूट्यूब पर देखा-सुना जा सकता है। पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद’ और ‘लव इन डार्विन’ के साथ श्री प्रभाष कवि !

आशा है, उनके संघर्षों में शीघ्र ही विराम लगेंगे और वे स्थापित गीतकार के रूप में शीघ्र ही पहचाने जाएंगे और फिर से फ़िल्मी क्षेत्र के रूप में ‘मनिहारी’ देश-दुनिया के मानचित्र में आबद्ध होंगे, मेरी अशेष शुभकामना है !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.