कुलवंत कौर आई: जन्मदिन की बधाई
प्रिय सखी कुलवंत कौर जी,
आपको जन्मदिन की बधाई.
”अपने संग खुशियों की बहारें है लाया,
हमारी शुभकामनाएंऔर हार्दिक बधाई लेकर,
फूलों ने आपको हमारा पैगाम सुनाया,
जन्मदिन है आया, जन्मदिन है आया.”
सचमुच खुशियों की बहारें चारों ओर नाच रही हैं. हमने आपको ”कुलवंत कौर आई” कहा है. आई के दो मतलब हैं, एक तो इस दिन आप दुनिया में आईं, दूसरे आई का मतलब मां भी होता है. आई तो आप हैं ही! संयोग देखिए आपका और हमारा जन्म उसी साल में हुआ, विवाह का साल भी मिल गया. जिस साल हमारे यहां कन्या-रत्न ने जन्म लिया आपके यहां भी और सुपुत्र भी संयोग से एक साथ हुए. क्या संयोग है!
आज आपका जन्मदिन तो है ही, क्रिसमस यानी बड़ा दिन भी है. क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है. यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व में अवकाश रहता है. क्रिसमस से जुड़ी एक लोकप्रिय पौराणिक परंतु कल्पित शख्सियत है सांता क्लॉज़, जिसे अक्सर क्रिसमस पर बच्चों के लिए तोहफे लाने के साथ जोड़ा जाता है. क्रिसमस अपने साथ नए साल की खुशियां भी लाता है, इसलिए इस पर्व का जश्न नए साल के बाद भी कुछ दिनों तक जारी रहता है. आपको भी क्रिसमस की ढेरों बधाइयां और शुभकामनाएं.
इस साल तो आपके जन्मदिन के अलावा आज गीता जयंती का पावन पर्व भी है. गीता जयंती प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. हजारों सालों बाद आज भी प्रासंगिक है गीता के उपदेश.
आज ही तुलसी पूजन का उत्सव भी है. तुलसी का धार्मिक महत्त्व तो है ही, तुलसी का पौधा एक अनमोल औषधि गुण से सम्पन्न होने के कारण रोगाणु-कीटाणु नाशक भी है.
आज ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी जन्मदिन है. 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल जी राजनेता होने के साथ एक बड़े कवि भी थे. अपने काव्य हृदय की वजह से अटल जी देश के प्रधानमंत्री बने. जमीन से उठकर शिखर के आसमान पर पहुंचने के पीछे अटल जी को काफी संघर्ष करना पड़ा था. अपने इस जीवन संघर्ष को उन्होंने अपनी कविताओं में बड़ी संजीदगी से उतारा.
प्रिय सखी कुलवंत जी, संघर्ष आपका भी कम नहीं है. बड़ी हिम्मत से आप जीवन-संघर्ष का सामना कर रही हैं. आपके बारे में गुरमैल भाई ने लिखा था-
”लीला बहन, उस को फाइब्रोमायल्जिआ की प्रौब्लम है, जो एक किस्म का आर्थ्राइटस ही होता है. इस में शरीर में दर्द रहता है. ह्ड्डियां तो धीरे-धीरे घिसती ही हैं लेकिन बेड पर सोते समय, करवट लेते वक्त दर्द होता है जिस से नींद में खलल पड़ता है. उसे यह रोग बहुत सालों से है. एक्सरे, एम आई आर में कुछ नहीं आता. बहुत दफा टैस्ट हो चुके हैं. डॉक्टर इसके लिए पेन किलर बगैरह ही देते हैं और कुलवंत को पता है कि ज़्यादा पेन किलर भी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती. इस लिए वह तब ही पेन किलर लेती है जब ज़्यादा दर्द हो. वह हफ्ते में तीन-चार दफा सैर के लिए जाती है और थोड़ी-बहुत जेंटल एक्सरसाइज़ भी करती है. डॉक्टर ने उस को वार्निंग दी थी कि वह व्हील चेयर में भी जा सकती है. अब तो बीस-बाइस वर्ष हो चुके हैं इस रोग को. अपनी हिम्मत से वह ज़िंदगी चला रही है. लेडीज क्लब चलाना कम ज़हमत का काम नहीं होता, पर वह चलाती है और समाज-सुधार के बहुत-से कार्यों में सहयोगी बनती है. इस उम्र में भी वह अपने सूट खुद सिलती है. नई-नई रेसिपीज़ सीखती और सिखाती है. सैर पर जाती है और कई पुरस्कार भी जीते हैं. गुरमेल भमरा ”
प्रिय सखी कुलवंत जी, आपकी हिम्मत के बारे में गुरमैल भाई ने अपनी रचना बेबसी में आपकी हिम्मत का बखूबी वर्णन किया है. जिस हिम्मत से आपने खुद को भी संभाला और गुरमैल भाई की मदद के लिए भी बच्चों को बुला लिया, वह तारीफेकाबिल है. आपकी इस हिम्मत ने हमें अनेक सबक सिखाए हैं-
”तजुर्बे ने एक बात सिखाई है,
नया दर्द पुराने दर्द की दवाई है.”
”बेवक्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूं,
आधे लोगों को तो यों ही मैं अपना बना लेता हूं.”
”जिंदगी में ऐसा कुछ जरो,
कि काम दोनों का चलता रहे,
आंधियां भी चलती रहें
और दिया भी जलता रहे.”
आपके जन्मदिन पर हमारी यही कामना है, कि आपकी हिम्मत का दिया इसी तरह जलता रहे. आप और गुरमैल भाई सपरिवार सुखी, स्वस्थ और समृद्ध रहें, यह अपना ब्लॉग की तरफ से हम सभी की शुभकामना है. एक बार फिर आपको जन्मदिवस की कोटिशः हार्दिक शुभकामनाएं.
”खुश रहिए हमेशा, यह दुआ है हमारी,
राह तकें बुलंदियां, सदियों तक तुम्हारी,
जन्मदिन आपका प्रेम से मनाने को,
कतार बांधे खड़ी है कायनात सारी.”
लीला तिवानी
चलते-चलते
गुरमैल भाई के बारे में कुछ बातें-
1.गुरमैल भाई पर हमारे अनेक ब्लॉग्स आ चुके हैं, जिनकी दो ई.बुक्स भी बनी हुई हैं.
2.गुरमैल भाई की आत्मकथा ”मेरी कहानी” हमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ आत्मकथा लगी. इसकी भी नौ ई.बुक्स भी बनी हुई हैं.
ये सभी ई.बुक्स आप लोग पढ़ चुके हैं.
3.गुरमैल भाई हमारे ब्लॉग से लगातार सात सालों से जुड़े हुए हैं. आजकल उनके पास अपना ब्लॉग नहीं पहुंच पा रहा, फिर भी वे मेल से कई सालों से हमारे ब्लॉग के साथ जुड़े हुए हैं. आप लोग जानते ही हैं, कि आप सबकी तरह उनकी प्रतिक्रियाएं भी कितनी सटीक और सारगर्भित होती हैं.
4.आजकल गुरमैल भाई फेसबुक पर अपनी आत्मकथा पंजाबी में प्रकाशित कर रहे हैं. लगभग 200 एपिसोड प्रकाशित हो चुके हैं. हर एपिसोड का उनके विश्व भर के पाठक बेसब्री से इंतजार करते हैं.
5.गुरमैल भाई कहते हैं, कि वे कवि नहीं हैं, पर उनकी अनेक काव्य-रचनाएं सदाबहार काव्यालय में धूम मचा चुकी हैं.
6.जय विजय के पाठक भी गुरमैल भाई की रचनाओं का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
7.गुरमैल भाई खुद को लेखक भी नहीं मानते हैं, लेकिन वे हिंदी-पंजाबी-अंग्रेजी के समान रूप से विद्वान लेखक हैं, यह आप सब लोग भी जानते हैं.
8.गुरमैल भाई पर हमारा सबसे पहला ब्लॉग March 17, 2014 को आया था. वे March 12, 2014 को पहली प्रतिक्रिया से हमारे ब्लॉग के साथ जुड़े थे. उसके बाद उन पर पचासों ब्लॉग्स आ चुके हैं. आपने देखा होगा, कि उनकी प्रतिक्रियाएं लाजवाब होती हैं. प्रतिक्रिया लेखक का आइना होती है. गुरमैल भाई को करीब से जानने के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें-
गुरमैल-गौरव-गाथा
https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/%E0%A4%B2-%E0%A4%B2-%E0%A4%B8-%E0%A4%B9-%E0%A4%A4-%E0%A4%AF-%E0%A4%97-%E0%A4%B0%E0%A4%AE-%E0%A4%B2-%E0%A4%97-%E0%A4%B0%E0%A4%B5-%E0%A4%97-%E0%A4%A5/
गुरमैल भमरा का ब्लॉग
https://jayvijay.co/author/gurmailbhamra/
प्रिय सखी कुलवंत कौर जी, गुरमैल भाई ने लिखा था-
”समय ऐसा है, कि इस साल कुलवंत के जन्मदिन पर बच्चे भी नहीं आ पाएंगे. हम अकेले ही घर में उसका जन्मदिन और क्रिसमस मनाएंगे.”
गुरमैल भाई जी, कुलवंत जी और आप अकेले नहीं हैं, हम सब भी आपके साथ हैं. वैसे भी इस साल सब कुछ वर्चुअल ही हो रहा है, यही सही. एक बार फिर कुलवंत जी को जन्मदिन की ढेरों बधाइयां और शुभकामनाएं.——
”जन्मदिवस की बधाई हो,
खुशियों की शहनाई हो,
उठे नज़र जिस ओर, जिधर भी,
मस्त बहारें छाई हों.”