कविता

मेरे पापा मेरे ईश्वर

पापा…
पापा शब्द में दुनिया बसती है “मिली” की
पापा से ही पीहर मेरा,
पापा से ही मायका
पापा ही भाई का रूप
पापा ही मेरे बचपन से दोस्त
पापा मेरे गुरु
पापा मेरे सरल
पापा मेरे अटल
पापा मेरी छाँव
पापा मेरी शान
पापा मेरे ईश्वर “राम” जैसे
पापा हें श्रवणकुमार
पापा को हमेशा चुप रहते देखा
आँसू छुपाकर जीते देखा
बच्चों में ख़ुशियाँ तलाशते देखा
दादी की जी-जान से सेवा करते देखा
मम्मी का हमेशा साथ देते देखा
सरल सादा जीवन जीते देखा
सबके लिए तन-मन-धन से करते देखा
उनकी मुस्कुराहट के पीछे दर्द को
शायद किसी ने नहीं देखा
मेरे लिए “माँ” बनकर जीते
मेरी ज़िद्द पूरी करते
मेरी बेटी को बेस्टफ़्रेंड कहते
अब्दुल कलाम जी से सम्मानित
रक्तदान का रिकार्ड बनाते
सबसे अच्छे मेरे पापा
हैपी 73 बर्थडे आज पापा!!
— डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट

डॉ. मिली भाटिया आर्टिस्ट

रावतभाटा, राजस्थान मो. 9414940513