कौन आता है?
किसी को लोभ लाता है!
किसी को लाभ लाता है!
प्रभू प्रेमी विवश बना,
विरला कभी आता है!
पुण्य लाभ बुलाता है!
पाप दण्ड डराता है!
दान धरम या प्रेम में,
कौन तीरथ आता है?
किसी को यश लाता है!
किसी को धन लाता है!
प्रभू दीवाना होके,
कौन शीश झुकाता है?
तफ़रीह को जाता है!
अनुरंजन लुभाता है!
दर्शन को तेरे भगवन्,
कौन तल्लीन आता है?
— सुनीता द्विवेदी