जीवन में स्वर्गिक सुख मिलता
साथी में विश्वास बसा हो
जीवन में स्वर्गिक सुख मिलता, साथी में विश्वास बसा हो।
प्रेम, समर्पण और त्याग हो, सच ने ही रिश्तो को रचा हो।।
दो से एक वहाँ होते हैं।
सच का बीज जहाँ बोते हैं।
झूठ, छल और कपट तो केवल,
षड्यन्त्र रचकर भी रोते हैं।
पारदर्शी है जीवन अपना, कपट जाल में भले फंसा हो।
जीवन में स्वर्गिक सुख मिलता, साथी में विश्वास बसा हो।।
नर-नारी को साथ चाहिए।
प्रेम और विश्वास चाहिए।
रिश्तो में विश्वास न हो तो,
नहीं कोई भी आस चाहिए।
रिश्ता नहीं वहाँ होता है, किसी एक ने दूजा ठगा हो।
जीवन में स्वर्गिक सुख मिलता, साथी में विश्वास बसा हो।।
धोखेबाजों से बचना है।
प्रेम नाम पर प्रवंचना है।
कीमत कोई पड़े चुकानी,
अपना पथ अपनी रचना है।
सावधान! हो आगे बढ़ना, कपट कामिनी जाल बुना हो।
जीवन में स्वर्गिक सुख मिलता, साथी में विश्वास बसा हो।।