विचार अभिव्यक्ति
आजकल
विचार-अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता का बीमार दौर
चल रहा है ।
हर किसी बहस में
टंगड़ी मार
विचार-अभिव्यक्त करना
फैशन हो गया है !
हमारे संविधान में
अनुच्छेद 19 क में
हम भारतीयों के लिए
विचार-अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता की बात है,
परंतु यह भारत की
अखण्डता,
गोपनीयता,
एकता की अक्षुण्णता को
नज़रअंदाज़ कर नहीं !
इसलिए किसी भी
भारतीयों को
देशहित से
ऊपर उठकर
स्वयं के
अनाप-शनाप
विचार-प्रकटीकरण की छूट
नहीं मिलने चाहिए,
चाहे आम लोग हो,
पत्रकार हो,
सत्ताधिकारी हो,
नेता या जज ही
क्यों ना हो ?
अगर देश ही
अपना नहीं रहे,
तब हम शरीर से ही नहीं ,
विचार को भी
आदान-प्रदान
नहीं कर सकेंगे !