कविता

आसमां ढूंढ़ ही लेते

प्रेम किसी से भी हो सकता है,
चाहे विवाहिता ही क्यों न हो ?
क्योंकि प्रेम तो अपरिमेय है,
यह किसी थ्योरम (प्रमेय) से
बंधे नहीं है !
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प्रेम के मसले
दरअसल प्रेम तक ही
सीमित होते हैं !
दुनियावी बवालों,
सियासती हलालों
और मज़हबी सवालों से
प्रेमी अछूते ही रहते हैं !
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प्रेम सियासतदां नहीं ही बने,
तो ठीक है !
प्रेम हर मज़हब के साथ रहे;
अन्यथा,
प्रेम को खुद में
एक अलग धर्म होना चाहिए !
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अखबार भी तटस्थ नहीं है!
बकौल, सम्पादकीय-
दै.जागरण ‘भाजपा’,
प्रभात खबर ‘जदयू’,
हिंदुस्तान ‘कांग्रेस’
और ‘राजद’ से झुकाव है !
अन्य बराबर उपलब्ध नहीं !
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बगदादी-वध के बाद
ईमानदारी का अर्थ
‘डोनाल्ड ट्रंप’ है
क्या ?
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नरेंद्र हिमालय से लौटे हैं,
तेजप्रताप थोड़ा और आगे बढ़िए;
इस्तीफ़े नहीं राहुल,
आप हिमालय घूम आइये,
तो तेजस्वी की अभी
पढ़ने की उम्र है !
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वो छोटी-छोटी उड़ानों पे
गुरूर नहीं करते,
परिंदें तो खुद के लिए
आसमां ढूढ़ ही लेते!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.