स्पष्टता
यह कैसी राजधानी;
न बिजली,
न पीनेयोग्य पानी !
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लोग अक्सर कहते हैं-
वो तो शादी-शुदा हैं !
परंतु शादी तो समझ में आई,
किन्तु ‘शुदा’ क्या है, भाई ?
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मेरे मामा शरीफ हैं,
कहने से आपके मामा
‘चोर’ नहीं हो जाते !
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पीले दाँत को सफेद करने
और करवाने के कोई उपाय है,
किसी भाई-बहन के पास!
किन्तु ये पीले दाँत ‘पेट’ में है,
सादर कृपया!
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चिरकुटवा नेतवन
बनत ही कोउ
आखिर कइसे
‘बुलेटवा’
खरीद लेत हैं ?
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दोस्त सिर्फ दोस्त नहीं,
वो खुदा होते हैं,
दिल जब मिल जाए,
तो जुदा नहीं होते हैं !
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एक कथित सुंदरी है,
उनकी मेरे प्रति कुतर्क मत है-
अगर मैं किसी के
शादी-ब्रतवारी में जाऊँगा,
तो संबंध टूट जाएंगे !
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ऐसे भी लोग हैं,
जो दूसरों को कभी नहीं खिलाते हैं,
पर दूसरों से खाने के चक्कर में
उनकी शादी-ब्याह में
अगुवा बन जाते हैं !
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यह बात अक्षरशः सच है कि
शादीशुदा व्यक्ति
अविवाहित व्यक्ति से
कई गुने अधिक करप्ट होते हैं !
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इधर ही पता चला
कि मेरे कुछ मित्रो और मित्राइन के
‘पेट’ में ‘दाँत’ हो गए हैं,
एक BDS डॉक्टर ने बताया-
ऐसे मित्र से सतर्क रहिये !
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आँखों से प्यार होना!
यह सुना है….
यह हो भी गया है!
क्या पैरों से भी प्यार होता है?
एक दोस्त ने कहा-
‘वह अँगुलियों द्वारा प्यार करते हैं!’
कोई बताएंगे,
देह के किन-किन अंगों से
प्यार होता है?