कैसे
बुझती हुई लौ को जलाएं कैसे
मेरा दिल है साफ ये बताएं कैसे
महफिल घूमती है उनके चारों तरफ
हमें इश्क है उनसे जताएं कैसे
वजन ज्यादा है मेरी बातों में
ये अब वजन घटाएं कैसे
तोहफे है आज भी अलमारी में रखे
उनको वो तोहफे लौटाएं कैसे
धुआं बहुत है यादों का अंदर मेरे
अब धुएं के गुबार को उड़ाएं कैसे
अपना होगा तो लौट के आएगा
अब सबके सामने गिड़गिड़ाएं कैसे
पतंग मेरी भी आसमान में है देखो
उनके साथ पेंचे अब लड़ाएं कैसे
मैं खुद को देखता हूं उनमें हर रोज
अब बताओ आप खुद को हराएं कैसे
टूट के बिखर जाते हैं सब रास्ते में
अब इसी रास्ते पर हम जाएं कैसे
ताबूत खड़ा है उनका मेरे सामने
अब इस ताबूत को गिराए कैसे