पिता
अपनी इच्छाओं पर अंकुश लगाकर
जो तुम्हारे सपने पूरे करे
तुम्हारा कलेजा इतना बड़ा कर दे
कि तू किसी के सामने ना डरे
वक्त के अंधेरों में जो दिया जलाए
वही पूजनीय पिता कहलाए
संघर्षों से बनाएं सीढियां ताकि तुम ऊपर जा सको
जो सपने में सोचा है तुमने वो मुकाम तुम पा सको
तुम्हारे हर बार गिरने पर साथ दे तुम्हारा साया बनकर
कितनी भी काली घटा हो रहे पास में छत्रछाया बनकर
तुम्हें संवारने के लिए खुद को जो अग्नि में तपाए
वही पूजनीय पिता कहलाए
मेरे पूजनीय पिताजी श्री राजपाल प्रजापत को जन्मदिन की शुभकामनाएं