किसने लूटा कौन लुटा है पूछो मत
किसने लूटा कौन लुटा है पूछो मत
तुमको सारी बात पता है पूछो मत
ग़म से तारी आँखें कहती हैं सब कुछ
किसने कितना दर्द सहा है पूछो मत
चहरों के ऊपर चहरों की दुनिया में
किसने कब किस ठौर छला है पूछो मत
संसद बोली और अमीरी झूम उठी
किससे किस का क्या रिश्ता है पूछो मत
शब्द किसी के बोल किसी के हैं साहिब
किसके भीतर कौन छुपा है पूछो मत
तख्तों ताज झुके देखें हैं कदमो में
सच्चाई का रुतबा क्या है पूछो मत
वो जो है, या जो है बंद तिजौरी में
इस दुनिया का कौन ख़ुदा है पूछो मत
सतीश बंसल
०९.०३.२०२१