गीतिका/ग़ज़ल

किसने लूटा कौन लुटा है पूछो मत

किसने लूटा कौन लुटा है पूछो मत
तुमको सारी बात पता है पूछो मत

ग़म से तारी आँखें कहती हैं सब कुछ
किसने कितना दर्द सहा है पूछो मत

चहरों के ऊपर चहरों की दुनिया में
किसने कब किस ठौर छला है पूछो मत

संसद बोली और अमीरी झूम उठी
किससे किस का क्या रिश्ता है पूछो मत

शब्द किसी के बोल किसी के हैं साहिब
किसके भीतर कौन छुपा है पूछो मत

तख्तों ताज झुके देखें हैं कदमो में
सच्चाई का रुतबा क्या है पूछो मत

वो जो है, या जो है बंद तिजौरी में
इस दुनिया का कौन ख़ुदा है पूछो मत

सतीश बंसल
०९.०३.२०२१

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.