कविता

सारा जहाँ जिसकी शरण मे

जहाँ सारा दुनिया जिसकी शरण मे ,
नमन है उस भगवान शिव के चरण मे ,
हम बने उस महाकाल के चरणों की धूल ,
आओ हम – सब मिल कर चढ़ाये  उनके चरणों में श्रद्धा के फूल !

महाकाल की हमेशा बनी रहे मुझ पर छाया ,
पलट दे मेरी किस्मत की काया ,
मिले मुझको सब कुछ इस दुनिया में हमेशा ,
जो कभी किसी को न मिल पाया इस जीवन में !

महाकाल जब आएंगे मेरे द्वार ,
मेरे जीवन के गोद में भर देंगे सारी खुशियां  , 
कभी रहे न जीवन में मेरे दुखः – दर्द , 
मेरे चारों तरफ हमेशा हो जाए सुख ही सुख !

प्रभु शिव का नारा लगा कर हम ,
सारी दुनिया में हो गए हैं प्यारे – न्यारे ,
मेरे दुश्मन भी मुझसे बार – बार बोले ,
मेरे प्यारे भगवान महाकाल के भक्त हो गए हो तुम सबसे न्यारे !

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]