कविता

कान्हावाली मीरा

भक्तिन मीराबाई

श्रीकृष्ण भक्ति में

बाल्यावस्था से

मृत्युपर्यन्त

तल्लीन रही….

वे श्रीकृष्ण को

पति-परमेश्वर के

रूप में

देखती रही !

सोलहवीं सदी में

जन्मी मीरा जी

राजा रतन सिंह राठौर की बेटी,

महाराणा सांगा की पुत्रवधू

राजा भोजराज की

धर्मपत्नी थी,

बावजूद वे अपने

‘कान्हा’ में

इस कदर प्रेम में

डूबी रहती

कि उन्हें

ससुरालवालों की

तरफ से

विषपान करने को

दी गई,

किन्तु उनसे

वे बच निकली !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.