पत्र 5 जून 2020 : दर्द का रिश्ता
सिसकियाँ ना भर होले होले!!
रोना है तो जी भर के रोले!!
प्रिय जया दानी आंटी,
हैपी बर्थडे आंटी,
आप हमेशा से मेरी माँ की सबसे प्रिय सहेली,मेरे पापा की सर्वप्रिय बहन,और मेरी दादी की सबसे प्रिय बेटी रहीं!बी.अ. फ़र्स्ट ईयर में अड्मिशन लिया ही था मैंने और तब मम्मी मुझे छोढ़ कर ईश्वर के घर चली गईं!जब खून के रिश्तों ने मुँह मोड़ा,तब आपने भरी दुनिया की भीड़ में अकेली,सहमी “ मिली” के आँसू पोंछे और सम्भाला!माँ जाने के ग़म में इस बेटी को दिन में चार बार मोसंबी का जूस निकाल कर पिलाया और उसके बी॰पी॰ लो को ठीक करती गईं!जब में हॉस्टल से छुट्टियों में घर आती तब पापा के ऑफ़िस चले जाने के बाद अकेली बेटी का फ़ोन पर दर्द बाटती, मुझे अपने घर बुलाकर खाना खिलतीं,में मना कर देती जब तब भी काम करने वाली कमला आंटी के हाथों मेरे लिए माँ अन्नपूर्णा की तरह टिफ़िन भेजतीं!धरती पर आप ईश्वर नहीं तो और क्या हें???मुझे बी॰अ॰ फ़र्स्ट ईयर से पी॰अच॰डी तक के सफ़र में मेरा होसला बढ़ाया,और जब में शादी करके विदा होने लगी तो अपने दामाद को ढेर सारी हिदायतें दी कि मेरी ‘मिली’का ध्यान रखना!आपके प्यार को,आपसे रिश्ते को क्या सम्बोधन दे ये बेटी?आप सच में’ मिली’ के लिये इस धरती पर देवी माँ का रूप हें,मेरी शक्ति हें,मेरी ईश्वर हें!!आज भी अजमेर से रावतभाटा में अपनी मिली के सारे सुख-दुःख फ़ोन पर बाटती हें!!आप जियें हज़ारों साल आंटी,साल के दिन हों पचास हज़ार!!
हैपी बर्थडे सबसे प्यारी आंटी!!
आपकी बेटी डा॰ मिली!
डॉक्टर मिली भाटिया आर्टिस्ट