गुलाल की फुहार, भली लगे होली में।
बसंत की बहार ,भली लगे होली में।
जीजा की ठिठोली छू ले दिल के तार,
साली से तकरार ,भली लगे होली में।
किस से आँख लड़ी होली के बहाने,
बीबी की फटकार, भली लगे होली में।
हुलियारों की टोलिया फिरे गली गली,
बहे रंगो की धार, भली लगे होली में।
गोरे गालों पर सजी गुलाल की रंगोली,
चितवन की कटार,भली लगे होली में।
— ओमप्रकाश बिन्जवे “राजसागर”