गीत/नवगीत

कोरी चुनरियां

मोहे अपने रंग रंगो सांवरिया
इश्क की कोरी कोरी चुनरियां
कृपा दया ममता करुणा को
रंगा बनाओ चोखो
भरो प्रेम पिचकारी दिल से
भीगे बावरिया सांवरिया
अपने रंग रंगो ,,,,,,,,,
भर भर नज़र निहारो मोहे
बन जाउं तेरे जैसी
संग तिहारे ऐसे नाचूं
जैसे जोगनियां सांवरिया
अपने रंग रंगो,,,,,,,,,,,
तेरी प्रीत की लगान लगाउँ
जो तू बोले वो दोहराउं
तेरे पीछे पीछे आउं
लेके गागरिया सांवरियां
अपने रंग रंगो ,,,,,,,,,
— पुष्पा ” स्वाती “

*पुष्पा अवस्थी "स्वाती"

एम,ए ,( हिंदी) साहित्य रत्न मो० नं० 83560 72460 pushpa.awasthi211@gmail.com प्रकाशित पुस्तकें - भूली बिसरी यादें ( गजल गीत कविता संग्रह) तपती दोपहर के साए (गज़ल संग्रह) काव्य क्षेत्र में आपको वर्तमान अंकुर अखबार की, वर्तमान काव्य अंकुर ग्रुप द्वारा, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री के कर कमलों से काव्य रश्मि सम्मान से दिल्ली में नवाजा जा चुका है