देवदास का बगावत
कवि सुनील कुमार
कहते हैं-
लोग सदा
हँसते रहते हैं,
दूसरों के
हालातों पर;
कभी शर्म नहीं आती,
अपने किये दुर्घातों पर !
प्रणाम सुनील सर !
××××
खाद्यसामग्री और रुपये की
अचानक किल्लत होने पर
कुछ मित्रों
और समाजसेवियों को
मैसेज भेजा,
पर सहयोग नहीं मिला.
यह है
सोशल डिस्टेंसिंग !
××××
चुनाव में
धर्म-जाति के
हिसाब से
उम्मीदवार !
यानी जिनके
जाति-धर्म के
उम्मीदवार हैं,
वोट उन्हें करेंगे
और जिनके नहीं है,
वो नोटा ?
××××
‘देवदास’ ने
घर से बगावत किया!
संदर्भ-
लोकसभा चुनाव
उसे न पारो मिली,
न चंद्रमुखी !
किन्तु इतिहास में
अमर शहीद
कैरेक्टर हो गए !