कविता

होलिका का राजधर्म

होलिका ने
जिनकी नमक खाई,
उनके लिए
राजधर्म निभाई थी,
किन्तु प्रतिवर्ष
एक नारी को
बारम्बार
जला कर
हम कौन सा
धर्म
निभा रहे हैं ?
यह प्रश्न मन में
बार-बार
टहकता है।
रंगभेद
खत्म करने के लिए
‘रंगपर्व’ के प्रति
सादर नमन !
××××
कहने को
वो मित्र हैं,
अकस्मात टकरा जाए,
तभी हाय-हैलो करते हैं;
अँधेरा तो
यहाँ दिल में है
और मंदिरों में
दीये जलाते हैं !
××××
एक समय तो
पटना में
रहते वक्त
अर्थाभाव कारण
दो माह तक
सिर्फ़ ‘आलू’
उबाल कर खाया था,
उस पर ईंधन
खत्म हो गयी थी,
पर आँसू ही
सलामत थे !
××××

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.