बिंदास कवयित्री
स्वर्णलता विश्वफूल एक सदाबहार लेखिका, कवयित्री और बिंदास कलाकार हैं. स्वतंत्रता सेनानी की पौत्री और पोस्टमैन की पुत्री स्वर्णलता भी भारत की सबसे युवा पोस्टवुमन रही हैं. पहली कविता मात्र 9 वर्ष की आयु में प्रकाशित हुई थी. नारीवादी और दलित समस्याओं के समर्पित कवयित्री भी.
विश्वफूल की प्रकाशित कृतियाँ हैं-
ये उदास चेहरे. हिंदी कविता संकलन,
बावन लघुकथाएँ. संपादित,
कोसी की नई जमीन. संकलित.
हैरी कब आयेगा. कविता अंश पटना विश्वविद्यालय के थीसिस में शामिल, तब उम्र 20 वर्ष से भी कम थी, विदित हो, यह थीसिस का परिणाम हिंदी दलित आत्मकथा पहलीबार Ph D होना रहा.
कहानियों में महान लेखक राजेन्द्र यादव द्वारा प्रशंसित बहुचर्चित कहानी लाजो, जिनपर फिल्म बनते-बनते रह गया.
अन्य कहानियों में नीलसी, सरोगेट कुंती, रमा की वह रात, बदलती परिस्थितियाँ इत्यादि हैं.
आदिवासी की महाश्वेता. शीघ्र प्रकाश्य शोध पुस्तक है. पत्रिकाओं में हंस, आजकल, गगनांचल, फॉरवर्ड प्रेस, अम्बेडकर इन इंडिया, युद्धरत आम आदमी, संवदिया, नव बिहार, भूचाल, चेतांशी, मंडल विचार, शुक्रवार, तापमान, सर्व शिक्षा अभियान इत्यादि में कविताएँ , आलेख आदि प्रकाशित हैं.
ये उदास चेहरे कविता कई भाषाओं में अनूदित, कई पत्रिकाओं में प्रकाशित तथा यह महान पत्रकार और लेखक श्रीमान् खुशवंत सिंह द्वारा प्रशंसित एवम् अंग्रेजी, अंगिका भाषा में नाट्यशैली में रूपांतरित हुई है और फिर दूरदर्शन के कल्याणी कार्यक्रम में शामिल हुई हैं, आकाशवाणी से समीक्षित भी. लड़कियाँ नामक कविता को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने दूरभाष पर बधाई दी. जननायक कर्पूरी ठाकुर की याद में ऐतिहासिक कविता का लेखन. हंस के स्वनामधन्य व जीवनपर्यंत संपादक राजेन्द्र यादव से अनोखा पत्रवार्ता.
माटी से पुतला कला की स्वर्णिम कलाकार हैं. विदेश मंत्रालय, भारत सरकार भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली के कविता पुरस्कार, यह पुरस्कार प्राप्त करनेवाली बिहार की एकमात्र कवयित्री.
बिहार के शिक्षा मंत्री से सबसे कम उम्र में बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् पुरस्कार, राजभाषा विभाग, बिहार सरकार के अनुदान पुरस्कार, राष्ट्रीय कबीर पुरस्कार महाकवि नागार्जुन ट्रस्ट, मधुबनी से, शिक्षा विभाग, बिहार की जिला शिक्षक पुरस्कार, सर्वोदय समाज के कटिहार गौरव सम्मान माननीय सांसद और विधायक, कटिहार के द्वारा. कुछ इंटरनेशनल सम्मान भी. कई लेखकों, कवियों, संपादकों, स्वतंत्रता सेनानियों, मा मुख्यमंत्री से पत्र-वार्ता और साक्षात्कार, जिनमें मदर टेरेसा,काका हाथरसी,काका बिहारी इत्यादि शामिल हैं.