गीत/नवगीत

गीत – रत्न छुपे अनमोल सखी

रत्न छुपे अनमोल सखी ! मन के तहखाने में ।

इक गुड़िया है थिरक-थिरक कर नाचा करती है ,
रोती-गाती कभी पीर भी बाँचा करती है।
ज़िद्दी-सी रूठे, थक जाऊँ उसे मनाने में…..

सुधियों की माला है अनगिन धवल-धवल मोती
आखर हैं पुखराज लोरियाँ संग लिए सोती
गुंथ उलझी है वक्त लगेगा ,माँ ! सुलझाने में…..

लाड़ लड़ाती पुष्प सुसज्जित पापा की तस्वीर

हीरे से दमकें हैं मेरे हीरो जैसे वीर

छोटी बहनें , सानी जिनका नहीं ज़माने में ……

धूम मचाती सखी, सहेलियाँ उनका क्या कहना
करें शरारत रस बरसाते नीलम से नैना
क्या बतलाऊँ शब्द अल्प हैं कथा सुनाने में……..!

रत्न छुपे अनमोल सखी ! मन के तहखाने में ।

— डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा 

डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा

परिचय : डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा जन्म स्थान : बिजनौर (उ0प्र0) शिक्षा : संस्कृत में स्नातकोत्तर उपाधि ( लब्ध स्वर्ण-पदक )एवं पी-एच 0 डी0 शोध विषय : श्री मूलशंकरमाणिक्यलालयाज्ञनिक की संस्कृत नाट्यकृतियों का नाट्यशास्त्रीय अध्ययन । प्रकाशन : 'ओस नहाई भोर'(एकल हाइकु-संग्रह), 'महकी कस्तूरी'(एकल दोहा-संग्रह), 'तुमसे उजियारा है' (एकल माहिया-संग्रह) । अन्य प्रकाशन - ‘यादों के पाखी’(हाइकु-संग्रह ), ‘अलसाई चाँदनी’ (सेदोका –संग्रह ) एवं ‘उजास साथ रखना ‘(चोका-संग्रह), हिन्दीहाइकुप्रकृति-काव्यकोश,, डॉसुधागुप्ताकेहाइकु मेंप्रकृति( अनुशीलनग्रन्थ),हाइकु –काव्यशिल्पएवंअनुभूति,समकालीनदोहाकोशमेंरचनाएँप्रकाशित।विविध राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय (अंतर्जाल पर भी )पत्र-पत्रिकाओं, ब्लॉग पर यथा – हिंदी चेतना,गर्भनाल, अनुभूति, अविराम साहित्यिकी, रचनाकार, समृद्ध सुखी परिवार,सादर इंडिया, उदंती, लेखनी, शोध दिशा, राजभाषा आश्रम सौरभ , यादें, अभिनव इमरोज़, सहज साहित्य, त्रिवेणी, हिंदी हाइकु, लघुकथा . कॉम, साहित्य कुञ्ज, विधान केसरी, प्रभात केसरी, नूतन भाषा-सेतु,नेवा: हाइकु, सरस्वतीसुमन आदि में हाइकु,सेदोका,ताँका,चोका,गीत,माहिया,दोहा, कुंडलियाँ, घनाक्षरी, ग़ज़ल, बाल कविताएँ, समीक्षा, लेख, क्षणिका आदि विविध विधाओं में अनवरत प्रकाशन । ब्लॉग : jyotirmaykalash.blogspot.in सम्प्रति : स्वतन्त्रलेखन सम्पर्क :एच-604, प्रमुख हिल्स, छरवाडा रोड, वापी, जिला- वलसाड, गुजरात (भारत ) पिन- 396191 e-mail [email protected] [email protected]