बार्डर vs कोरोना
ओह !!!ओह!!!!ओह!!!!!!
क्वारंटाइन हुए जाते हैं।
टेस्ट डराते हैं ।
रिपोर्ट जब आती है ।
पोजिटिव कर जाती है।
कि कोरोना कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे ।।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
अस्पताल के डॉक्टर ने ,
वहां की नर्सों ने,
हमें रिपोर्ट में लिखा है ।
कि हमसे पूछा है…..
किसी की हाफ़ती सांसों ने,
किसी की खांसी ने ,
किसी की छीकों ने,
किसी के इंफेक्शन ने ,
किसी के कचरे ने,
कोरोना के चर्चे ने ,
बकबकी सुबहा ने,
मितलाती शामों ने ,
डिस्टेंस की रातों ने,
सोशल मीडिया की बातों ने ,
फैली अफवाहों ने,
मजदूरों की बददुओं ने ,
और पूछा है कम होती कमाईयों ने,
कि कोरोना कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे ।।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
क्वारंटाइन हुए जाते हैं।
टेस्ट डराते हैं ।
रिपोर्ट जब आती है ।
पोजिटिव कर जाती है।
कि कोरोना कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे ।।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
क्वांरटाइन वालों ने ,
बेचारे सारों ने ,
हमें यह लिखा है ।
कि हमसे पूछा है।
हमारे गांवों ने ,
अर्थव्यवस्था के बुरे हालों ने,
बेरोजगारी के अम्बारों ने ,
बंद बाजारों ने,
खेत खलिहानों ने,
मिलावटी सामानों ने,
मुनाफेखोरों ने,
खरीदी वोटों ने,
किसानी धरनों ने,
सुलगते मुद्दों ने ,
रोटी की लाचारी ने ,
और पूछा है……
बेखौफ उमड़ती चुनावी रैलियों ने,
कि तुम कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
क्वारंटाइन हुए जाते हैं।
टेस्ट डराते हैं ।
रिपोर्ट जब आती है ।
पोजिटिव कर जाती है।
कि कोरोना कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे ।।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
कभी एक ममता की,
बंगाल की जनता की ,
जब टांग टूट जाती है ।
जब चुनाव की रैली आती है ।
मोदी की झूठी कहानी के ,
जेल जाने के ड्रामे के,
वह ठुल्लू ममता का ,
वह उल्लू जनता का ।
वो नेताओं की बातों में ,
विकास के खातों में ,
वो शरणार्थी कैम्पों में,
वो रोहिंग्या विवादों में,
वो झूठे -समझौते से,
वो मन के खोटो से ,
कृपा करें अब …….देवी मां ।
यहीं हर रिपोर्ट में पूछे सब की मां।।
कि तुम कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
क्वारंटाइन हुए जाते हैं।
टेस्ट डराते हैं ।
रिपोर्ट जब आती है ।
पोजिटिव कर जाती है।
कि कोरोना कब जाओंगे ।
कोरोना कब जाओंगे ।।
लिखो..क्या वैक्सीन से जाओंगे।।
तेरे साथ हर …घर सूना -सूना है ।
ऐ…….. गुजरने वाली हवा बता ।
सब के मास्क काम करेंगे …क्या ।
सबके गांव जा ।
सबके दोस्तों को ,
कोविड गाईड लाइन दे ।
सबके गांव में है जो वह गली ।
जहां रहती कचरे की ढेर लगी।
उसे साफ करके …सबको सैनिटाइजर दे ।
सबको सैनिटाइजर दे ।
वही जिस -जिसके नहीं मास्क लगा।
सोशल डिस्टेंस का नहीं जिसे पता।
उन सब को बता के तू ,
उन्हें कोविड गाइडलाइन दे ।
ऐ गुजरने वाली हवा जरा …..
मेरे देश…. मेरी अर्थव्यवस्था ।
मेरी जनता को धीरज बंधा दे।
कोरोना का डर तू भगा दे ।
कि… कोरोना जाएगा।
कोरोना जाएगा।
सारी दुनिया से ,
मेरे भारत से ,
सारे दिमागों से ,
सारी अफवाहों से,
लगा के टीका कोविड वैक्सीन का,
कोरोना मिट जाएगा ।
एक दिन कोरोना मिट जाएगा ।
एक दिन कोरोना मिट जाएगा ।
एक दिन कोरोना भाग जाएगा।।
— प्रीति शर्मा “असीम”