हे दुख हारणी पालनहार, जग से न्यारी मां।
कष्ट निवारण तारणहारी, सब से प्यारी मां।
तेरे रूप अनेक जगदम्बे, लक्ष्मी सरस्वती काली मां।
धन दौलत विद्या की देवी,कालयामनी श्यामली मां।
पतित पावनी जाननहारी,सर्व हितकारी मां।
कष्ट निवारण तारणहारी, सब से प्यारी मां।
सुख समृद्धि यशमान बढ़ाई, मिले मां तेरी कृपा होती।
तेरी लीला तीन लोको में,जन्म जन्म के पाप है धोती।
तू सुखदायनी कष्टहारणी, तुम पर बलिहारी मां।
कष्ट निवारण तारणहारी, सब से प्यारी मां। ,
ब्रह्मचारिणी मां वागीश्वरी, दुर्गा चंडी विनाश कारणी।
रिद्धि सिद्धि फलदाय अम्बे,कष्ट क्लेश संताप हरणी।
देव गंदर्व शीश झुकाएं, खड़ग खप्पर धारी मां।
कष्ट निवारणी तारण हारी, सब से प्यारी मां।
— शिव सन्याल