मन्नै गुल्लक फोड़ी, कोई खबर नहीं !
विलासिता
प्रदर्शित करनेवाले
चीजों को व्यवहार
करनेवालों को
‘पद्म अवार्ड’
नहीं मिलनी चाहिए,
चाहे वो कोई भी हो !
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अभी सांसत में है जान,
फिर भी कहते-
मैं हिन्दू, तू मुसलमान !
कोरोना से
मिट रहे ये पहचान,
तो क्यों न बने
हम इंसान !
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घर बैठे
आविष्कार कीजिए,
फिर पढ़ने की
जरूरत क्या है ?
तब स्कूल-कॉलेज
जाने की भी नहीं !
आर्किमिडीज़
कौन से स्कूल गए थे ?
××××
चंद जोकरों की वजह से
फैल रहा कोरोना वायरस !
जो डर गया,
समझो बच गया !
अभिनेता सलमान खान
पिछले साल कहिन।
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काफी पढ़कर भी
पूरी दुनिया के
चिकित्सा विज्ञानी
महामारी संकट से
निजात नहीं पा सके,
पर अनपढ़ ‘दशरथ मांझी’
पहाड़ को
औकात बता दिए थे !
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आजकल के पत्रकार
“सूंघकर”
खबर के पास
नहीं पहुँचते हैं,
फ़ेसबुक पर
कई पोस्ट
समाचार लिए होती हैं!
मन्ने गुल्लक फोड़ी,
कोई खबर नहीं !