क्षणिका

मर्जी आपकी, खुदगर्जी मेरी

मर्जी आपकी,
खुदगर्जी मेरी !
अगर आलोचना
बर्दाश्त नहीं कर सकते,
तो ऐसे मित्र
मुझे भी नहीं चाहिए !
××××
पिछले साल
लॉकडाउन में
फोन पर
किसी से वार्त्तालाप
नहीं हो सकी है..
टीवी नहीं है,
बीवी नहीं है,
घर पर दूरी लिए हूँ
और पुस्तकें ही सहारा है….
××××
महामारी से
खुदा नहीं बचाएंगे,
अपितु खुद
बचना होगा !
संयमित
और सुरक्षित जीवन
अपनाइये !
सिर्फ घर पर रहने नहीं,
सोशल डिस्टेंसिंग का
पालन भी हो !
बगैर भोग-विलास के
संयमित जीवन भी जरूरी है !
××××
सरकार जरूरतमंदों को
घर-घर भोजन,
दवा भेजे;
न कि खातों में रुपये !
बैंक परिसर में
आए दिन
उमड़ी भीड़ से
सोशल डिस्टेंसिंग
खत्म हो रही !
आज के हालात में
कौन हैं ‘पालनहार’ ?
खुद, खुदा या सरकार !
××××

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.

One thought on “मर्जी आपकी, खुदगर्जी मेरी

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    भगवान् ने हमे दिमाग दिया है . हमे खुद को ही अपना धियान रखना होगा . दो महीने हुए मेरी पत्नी ने एक सखी को बोल दिया कि हम सब को मास्क पहिनना चाहिए और एक दूजे से डिस्टेंस का ख्याल रखना चाहिए तो वोह गुस्से में बोली, ” तुम खामखाह डरती रहती हो , कुछ नहीं होता . कुछ दिन बाद उस की बेटी को करोना हो गिया और चार दिन में ही भगवान को प्यारी हो गई .फिर उस को भी हो गिया और एक महिना हस्पताल में ही तड़प तड़प कर दुनीया से चली गई . बहुत लोग सीरीअसली नहीं लेते .

Comments are closed.