मर्जी आपकी, खुदगर्जी मेरी
मर्जी आपकी,
खुदगर्जी मेरी !
अगर आलोचना
बर्दाश्त नहीं कर सकते,
तो ऐसे मित्र
मुझे भी नहीं चाहिए !
××××
पिछले साल
लॉकडाउन में
फोन पर
किसी से वार्त्तालाप
नहीं हो सकी है..
टीवी नहीं है,
बीवी नहीं है,
घर पर दूरी लिए हूँ
और पुस्तकें ही सहारा है….
××××
महामारी से
खुदा नहीं बचाएंगे,
अपितु खुद
बचना होगा !
संयमित
और सुरक्षित जीवन
अपनाइये !
सिर्फ घर पर रहने नहीं,
सोशल डिस्टेंसिंग का
पालन भी हो !
बगैर भोग-विलास के
संयमित जीवन भी जरूरी है !
××××
सरकार जरूरतमंदों को
घर-घर भोजन,
दवा भेजे;
न कि खातों में रुपये !
बैंक परिसर में
आए दिन
उमड़ी भीड़ से
सोशल डिस्टेंसिंग
खत्म हो रही !
आज के हालात में
कौन हैं ‘पालनहार’ ?
खुद, खुदा या सरकार !
××××
भगवान् ने हमे दिमाग दिया है . हमे खुद को ही अपना धियान रखना होगा . दो महीने हुए मेरी पत्नी ने एक सखी को बोल दिया कि हम सब को मास्क पहिनना चाहिए और एक दूजे से डिस्टेंस का ख्याल रखना चाहिए तो वोह गुस्से में बोली, ” तुम खामखाह डरती रहती हो , कुछ नहीं होता . कुछ दिन बाद उस की बेटी को करोना हो गिया और चार दिन में ही भगवान को प्यारी हो गई .फिर उस को भी हो गिया और एक महिना हस्पताल में ही तड़प तड़प कर दुनीया से चली गई . बहुत लोग सीरीअसली नहीं लेते .