फीमेल फिलोसोफी !
उच्च शिक्षित युवती या महिलाएँ भी संकीर्ण सोच रखती हैं, वे Love में वासना देखती हैं ! फेसबुक पर आपके पोस्ट को वे Like करेगी, Love नहीं !
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महिला सहकर्मी दूसरों के खाने में आगे रहेंगी, किन्तु दूसरों को पार्टी देने/खिलाने में सबसे पीछे रह जाएंगी, चाहे बहन ही क्यों ना हो?
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शादी में व बहुभोजों में दुल्हिन को बिठाकर चौक-चुमोना, गिफ़्ट व रुपये का लिफ़ाफ़ा लेना व काउंटर खोलना गलत है, यह कुप्रथा बन्द हो!
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महिलाएँ दिखावे के लिए मंगल व वृहस्पतिवार को उपवास रहेंगी और दिन में फल के नाम पर हुमचकर खा लेंगी। ऐसी दकियानूसी महिलाओं से सावधान!
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यह आश्चर्य है कि फेसबुक पर युवतियाँ व महिलाएँ गैर-मर्दों की तस्वीरों को पसंद (Like) करती हैं और पति के समक्ष सती-सावित्री भी रहती हैं !
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लोगों द्वारा खुद के या अपनी संतानों के जन्मदिवस के बहाने ‘किट्टी पार्टी’ इसलिए रखी जाती है, ताकि उसे ‘गिफ़्ट’ प्राप्त हो सके !
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ऐसी महिलाएँ भी हैं, जो रुपये के नाम पर सास-ससुर से झगड़कर उनसे अलग रहने लगेगी और सप्ताह के अंदर ही छिपाए रुपये से जमीन खरीद लेगी ! मेरे संयुक्त परिवार ऐसे ही कुटिल प्रसंगों से खत्म हो गया ! यह भी दर्शन है, सर ! इसे छोड़ा नहीं जा सकता ! बुरा मानो या भला ! समाज को इन बातों से सुधारना भी जरूरी है, अन्यथा जन्म लेना निरर्थक लगने लगता है !
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पहली ‘किस’ सबको क्यों याद रहते हैं…… हा-हा-हा !