ग़ज़ल
ऐ दिल तुझको इशारा अच्छा
दर्द से करना किनारा अच्छा
जिसका जाना कमी सी लगे
उसका आना दोबारा अच्छा
चाहा और पाया खुदा से मैंने
बनना किसी का सहारा अच्छा
काम आया नफ़रतों से जूझना
यूँ हुआ किरदार हमारा अच्छा
— मनीष मिश्रा मणि
ऐ दिल तुझको इशारा अच्छा
दर्द से करना किनारा अच्छा
जिसका जाना कमी सी लगे
उसका आना दोबारा अच्छा
चाहा और पाया खुदा से मैंने
बनना किसी का सहारा अच्छा
काम आया नफ़रतों से जूझना
यूँ हुआ किरदार हमारा अच्छा
— मनीष मिश्रा मणि