करप्ट परीक्षा आयोग !
भारत से ‘करप्शन’ व ‘भ्रष्ट आचरण’ कभी नहीं मिट पाएगा, कई आंदोलनों के जनक बिहार से तो इस संबंध में ‘फ़ेयर’ की बात करना बेमानी ही होगी ! एक एरिया से ऐसे पदाधिकारी बने हैं, वह भी एक परिवार से कई सदस्य ! जो कि एरिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। कहते हैं ‘मास्टरमाइंड’ के कारण है, कोई कहते 30-30 लाख देकर बने हैं !
ऐसे उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की ज्ञान समझ ऐसी है कि वो ‘गाय’ पर निबंध लिखने में भी कई गलतियाँ कर बैठे, उनके इंटरव्यू में मार्क्स कैसे आये, हर व्यक्ति ‘समझ’ रहे हैं, किन्तु मुख्य परीक्षा में मार्क्स के लिए उनकी उत्तरपुस्तिका बाहर जरूर निकली !
फिर सब सेट है– के तहत सादी पड़ी उत्तरपुस्तिकाओं में किसी ‘स्कॉलर’ ने सभी उत्तर छाप दिए ! इस परीक्षा आयोग में पारदर्शिता है तो सभी सफल अभ्यर्थियों की कॉपियों को लोगों के दर्शनार्थ ‘गाँधी मैदान’ में प्रदर्शित करें और उन सबके Speed hand writing से मिलान कर लिए जाएँ !
अब यह सम्भव है, क्योंकि रिजल्ट आए एक माह तो ही गया। हिंदी फ़िल्म ‘नायक’ में श्री अनिल कपूर अभिनीत पात्र पुन: पूर्णकालिक मुख्यमंत्री बने थे और पूर्व मुख्यमंत्री (श्री अमरीश पुरी के पात्र) को उन्हीं की शह (चाल) में स्वाहा कर दिए थे ! जिसदिन आम आदमी अपनी ‘तमीज़’ में आ गए । समझिए, उस दिन करप्शन को बढ़ावा देनेवाली सरकार वहाँ चली जायेगी