बाल कविता

मिलेंगे हम सब यार!

पकड़म पकड़ाई,छुपम छुपाई

खूब करेंगे धमाल हम सब यार
खुल जायेगा जब लॉक डाउन
लगेंगे मेले,सजेंगे खेल मैदान
प्रिय मित्रों से जी भर मिलूंगा,
मौज करूँगा,खूब बतियाउंगा
ढुशुम ढुशुम,तू-तू,में-में मजेदार
झूठी लड़ाई,छलकेगा सच्चा प्यार
चलेगा खूब बल्ला,उछलेगी गेंद
तेज दौड़ दौड़ झपट लूंगा मैं कैच
बस्ता,टिफ़िन ले कब जाऊंगा बताना
याद आता हैं बस का सफर सुहाना
दोस्तों संग जोर-शोर से गाना,बजाना
हंसते हंसते लोटपोट हो जाना
मित्रों संग मौजमस्ती,खेल खिलौना
चहकती खुशियों का अनमोल खजाना
चिल्लम चिल्ली,खूब करेंगे शोरशराबा
पढ़ाई भी कर लेंगे,करते हैं वादा
आलस,उदासीनता हो जाएगी दूर
जीवन में लौटेगा फिर रौनके नूर
कोरोना महामारी की हे प्रभु टल जाए बला
खुल जाए हमारी प्यारी प्यारी पाठशाला।
— चंचल जैन

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८